आओ मंथन करे
Thursday, November 16, 2023
जब पिता खुश होकर शाबाशी देंतें हैं ,
जब दूसरों के चेहेरें पर मुश्कान सी खील जाती हैं ,
जब माँ की लोरी सुनकर मासूम सो जातें हैं ,
बस इन्ही राहों से चल कर भगवान
मिल जातें हैं.
1 comment:
राहुल
February 27, 2012 at 3:59 AM
मर्मस्पर्शी और मानवीय मिजाज का भाव...
सुन्दर सोच की अभिव्यक्ति..
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ReplyDeleteसुन्दर सोच की अभिव्यक्ति..