हुई शाम तो ये जाना हमने तन्हाईयों की कुछ और अमोली सज गई हमारे दरिचें में अब देखे सुबह की बेल इनअमोलियों को पका सकी तो ठीक है नही तो जी लेगे हम जैसे जिए जाते हैं
शाम सी आँखों में एक नमी सी है...खूबसूरत शब्द....
शाम सी आँखों में एक नमी सी है...
ReplyDeleteखूबसूरत शब्द....